काला कलुआ वशीकरण मंत्र
काला कलुआ वशीकरण मंत्र, स्त्री या पुरुष के वशीकरण के लिए देवी दुर्गा, काली या भगवान शिव, कृष्ण और विष्णु की विधिवत वैदिक पूजा-पाठ एवं अनुष्ठान से लेकर तांत्रिक साधनाएं और जादू-टोना तक किए जाते हैं। टोटके भी अपनाए जाते हैं। अधिकतर तांत्रिक साधनाएं सुनसान निर्जन जगहों पर की जाती है, जबकि कुछ साधनाएं श्मशान में होती हैं।
इनमें अदृश्य शक्ति का वशीकरण मंत्र से आवाहन जापकर किया जाता है। वशीकरण को नकारात्मक भाव के साथ नहीं, बल्कि एक साकारात्मक ऊर्जा के तौर पर अपनाया जाता है। यह एक ऐसी विद्या है, जिससे किसी विकृत मानसिकता और अनैतिक प्रभाव को नुकसान पहुंचाकर दूसरे के हित में काम किया जाता है।
जैसे अदृश्य शक्ति को अपने वश में कर मनचाही मुराद पूरी जा सकती है, तो उनका उपयोग वशीकरण और रूके हुए कार्य को गति दने के लिए भी किया जाता है। वैसी ही एक अदृश्य और ताकतवर शक्ति काला कलुआ है। इसे बहुत ही उग्र स्वभाव का बताया जाता है। जिसकी साधना के कई मंत्र और उपाए बताए गए हैं।
स्त्री वशीकरणः मनचाही स्त्री को वश में करना कोई हंसी – खेल नहीं होता है। वशीकरण के कई मंत्रों में शाबर मंत्र द्वारा वशीकरण करना बहुत ही सरल बताया गया है। कारण इसके लिए किसी विशेष सिद्धि की जरूरत नहीं होती है। मंत्र सरल शब्दों में होने के कारण इसे कोई भी सरलता के साथ जाप कर सकता है। काला कलुआ को संबांेधित करता हुआ स्त्री वशीकरण का ऐसा ही शाबर मंत्र इस प्रकार हैः-
कला कलुआ चैंसठ वीर,ताल भागी तोर।
जहां भेजूं वहीं जाए, मांस-मज्जा को शब्द बन जाए।
अपना मारा, आप दिखावे।
चलत वाण मारूं, उलट मूठ मारूं।
मार-मार कलुआ, तेरी आस चार।
चैमुखी दीया, मार वादी की छाती।
इतना काम मेरा न करे तो तुझे मात का दूध पिया हराम।
इस मंत्र को जाप से पहले कंठस्थ कर लेना जरूरी है। साथ ही वशीकरण किए जाने वाली स्त्री के बाएं पांव की मिट्टी साथ में रखना है। दिन कोई भी हा सकता है लेकिन उपयुक्त समय सूर्यास्त के बाद का होना चाहिए। मिट्टी को अभिमंत्रित करने के लिए उसे दाएं हाथ में लेकर पूरब दिशा की ओर मुंह कर बैठ जाएं। शबर मंत्र का जाप करें और मिट्टी की तरफ फूंक मारें।
इसी तरह से कुल 21 बार मंत्र का जाप करें और मिट्टी की तरफ फूंक मारें। इस तरह से अभिमंत्रित मिट्टी को आप मौका देखकर स्त्री के ऊपर डाल दें। ऐसा करते ही उसका आपके प्रति जबरदस्त सम्मोहन बन जाएगा। वशीकरण के इस प्रयोग को करने से पहले अपनी इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास को मजबूत बनाए रखना होगा।
कलुआ मोहिनी मंत्रः इस वशीकरण के मंत्र से प्रेमिका के वशीभूत किया जा सकता है। खासकर वैसे प्रेमी जो अपने प्रेम का इजहार करने से बार-बार चुक जाते हैं, या फिर समाज के भय से डरते हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी औरत का पति उससे प्रेम नहीं करता हो, तो वह औरत इस उपाय को लाभ उठा सकती है। प्रेमी द्वारा बार-बार कहने के बावजूद शादी से इनकार करने की स्थिति में भी कलुआ मोहिनी मंत्र का तरीका अपनाया जा सकता है। यह मंत्र इस प्रकार हैः- काला कलुआ, काली रात।
मैं जगावा आधी रात।
सुत्ती को जगा के बैठी को उठा के, मेरे पास आना।
चले मंत्र फेरे, देखा कलुआ तेर मंत्र का तमाशा!
इसका रात के 12 बजे दस माला का जाप 21 दिनों तक करें। अपने सामने प्रयोग किए जाने वाले व्यक्ति की तस्वीर रखें खोये के पेड़े से भोग लगाएं और ईश्वर की कल्पना कर भोग लगाएं। जाप के बाद पेड़े को निर्जन स्थान पर रख दें।
शत्रु मारक मंत्रः कलुआ वशीकरण मंत्र के जरिए शत्रु पर सीधा वार किया जा सकता है। इस बारे में तांत्रिकों की मान्यता यह है कि मंत्र उड़ता हुआ शत्रु के घर जाता है और उसे अपने वश में कर उसकी बदले की भावना को बदल डालता है। कलुआ वीर की उग्रता और तेजी का असर प्रयोग करने वाले पर भी हो सकता है।
मारण मंत्र भी पहले वाले वशीकरण मंत्र की तरह ही है। यह न केवल शत्रुनाशक मंत्र है, बल्कि किस्मत को चमकाने वाला है। इसका जाप भी शाम को सूर्यास्त के बाद मनोयोग से आत्मविश्वास और निर्भिकता के साथ किया जाता है।
कलुआ मसान सिद्धिः तंत्र विद्या के अनुसार जीवन में खुशहाली लाने के लिए कलुआ मसान सिद्धि किया जाता है। इस साधना को रात के बारह बजे श्मशान भूमि में किया जाता है। भयानक चेहरे और डरावनी आवाजें आपको विचलित कर सकती है।
इस लिहाज से इसे काफी कठिन और दुस्साहस से भरा माना गया है। इस दौरान आप कई तरह से भयभीत किए जा सकते हैं। जबकि तंत्रिक की देखरेख में निर्भिकता के साथ तांत्रिक साधना का अनुष्ठान पूरा करने पर सफलता सुनिश्चित मिल सकती है। इसके लिए सामान्य पूजापाठ से अलग कुछ विशेष सामग्री का उपयोग किया जाता है।
जैसेः- एक मुर्गी का पांच देसी अंडे। देसी शराब की बोतल। पांच नींबू। 50-50 ग्राम काला तिल और राई। 250 ग्राम सरसों का तेल। पांच लौंग। सवा मीटर लाल कपड़ा। मिट्टी का दीपक। रूई की बाती और माचिस। चमेली या मोगरे का 50 ग्राम इत्र। साधना का उपयुक्त दिन अमावस्या का शनिवार होना चाहिए। इस साधना को अपने गुरु के सानिध्य में किया जाना चाहिए।
प्रयोग विधिः यह साधना श्मशान में जलती चिता या तुरंत जल चुकी उस चिता के सामने किया जाता है, जिसकी आग ठंडी नहीं हुई हो। चिता के पैर की ओर लाल कपड़े पर सामग्री सो सजाएं। उसके बाद 101 बार महाकाली-महाकाली का नाम लेकर हर अंडे पर फूंक मारते हुए रखें। बारी-बारी से उसे चिता की आग के सामने रखें और उसपर जल की तरह शराब की धार दें।
ध्यान रहे ऐसा करते समय भयानक आंधी का ऐहसास होगा, लेकिन कुछ पल मंे ही शांति छा जाएगी। चिता के सिर की ओर किसी पक्षी के पंख फड़फड़ाने का ऐहसास होगा। उस ओर पांच लौंग फेंक दें, जो चिता की आग में गिर जाएगा। इसी तरह से काले तिल को फेंकें।
कुछ समय में आपको जमीन के नीचे कलुआ मसान के निकलने का एहसास होगा। उसपर इत्र चढ़ाएं और नमन कर मनोकामना पूर्ति की याचना करें। इस तरह कलुआ मसान कि सिद्धि संपन्न होने के बाद सभी सामग्री चिता को अर्पित कर दें